11. Development Of Surface क्या है ? Types of Development Surface in Hindi



Introduction: जब किसी तीन dimension object (length,width,height) और solids की सम्पूर्ण surface को खोलकर किसी एक समतल सतह या तल पर लेटा दिया जाए तो इस प्रकार खुले (opened out) सतह को उस वस्तु का development of surfaces कहते है. development में प्रत्येक solid की surface की सम्बधित line हमेसा वास्तविक लम्बाई में होनी चाहिए. sheet metal और petrenmetal के कार्यो में cylinder, cone, pyramid, box आदि बनाने के development के लिए development of surface और इससे संबधित drawing की engineering trades के विस्तार में प्रयोग किया जाता है. इसलिए engineering व् desiner के साथ-2 mechanical, draughtsman और कारीगर (workes) को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए.

Development Of Surface क्या है ? Types of Development Surface in Hindi


Kinds Of Surfaces Of Plane : ये निम्नलिखित दो प्रकार की होती है.

1. Plane Surface
2. Plane Of Revolution Or Curve Surface

1. Plane Surface ( समतल सतह )

समतल सतह वह तल है जिसके द्वारा जैसे prism, cube या pyramid आदि ठोस की आकृति घिरी हुई होती है. और इनमे दो तलों को मिलाने वाली edge (किनारे) एक सीधी रेखा में होती है उसे plane surface कहते है.

2. Plane Of Revolution Or Curve Surface

यह वर्गाकार सतह और तल है जिसके द्वारा cylinder, cone आदि की आकृति घिरी होती है. यह दो प्रकार की होती है.

(i). Single Curve Surface
(ii). Double Curve Surface

(i). Single Curve Surface

इस प्रकार की सतह में cylinder, cone आदि की आकृति घिरी होती है. इसमें एक तल या सतह समतल होती है जैसे cylinder में ऊपर या नीचे की सतह व् cone में base की surface समतल होती है. जबकि दूसरी surface curved होती है. इसे single curved surface कहते है.

(ii). Double Curve Surface

इस प्रकार की सतह से sphere या parabolic solid आदि आकृतिया घिरी होती है  अर्थात इनमे दोनों तल या सतह curved होती है. इसे double curved surface कहते है.

Method Of Development : विभिन प्रकार की सतहों से घिरकर या बने solid की सतह के development के चार method प्रयोग किए जाते है.

1. Parallel Line Method
2. Radial Line Method
3. Method Of Triangulation
4. Approximate Method

1. Parallel Line Method

इस विधि के अनुसार उस solid के विकास तैयार किये जाते है. जिसमे सतहों या तलों के किनारे (edge) आपस में समान्तर होते है. जैसे prism solid आदि इनमे बाहरी रेखाए समान्तर होती है. उसे parallel line method कहते है.

2. Radial Line Method

इस विधि के अंतर्गत उन solid के method तैयार किए जाते है. जिनमे solid की सतह inclined और slant हो और उनमे एक apex या vertex बिन्दु होता है जैसे cone या pyramid आदि. इस प्रकार के solids में slant line जिसे हम jenter भी कहते है. जिसको solid के रूप में लेकर इसका विकाश किया जाता है.

3. Triangulation Of Method

यह विधि तब प्रयोग की जाती है जब किसी solid को मिलाने वाली या जुड़ने वाली solids न तो समान होती है. उस विधि के अन्तर्गत कई समतल सतहों का त्रिभुजाकार क्षेत्र में विभाजित किया जाता है. ठोस की वास्त्विक आकृति (actual shape) को खोलकर प्रत्येक त्रिभुज को फैलाकर सतहों का विकास किया जाता है.

4. Approximate Method

इस विधि का प्रयोग प्राय: double curved से घिरे solid की सतहों का विकास के लिए किया जाता है. क्योकि यह प्राय: शुद्ध विधि के नाम से जानी जाती है. इस विधि में solid की सतहों के विकाश की गलती की आशा नहीं की जा सकती है. फिर भी इस विधि को शुद्ध मानकर जैसे sphare आदि double curved sphare आदि solid की सतहों के विकास के लिए प्रयोग की जाती है. किसी sphare के development के लिए इस method का प्रयोग किया जाता है.

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